पश्चिमी उत्तर प्रदेश अलग राज्य बनाने की मांग

पश्चिमी उत्तर प्रदेश अलग राज्य बनाने की मांग

हापुड़, सीमन: हापुड़ में बुधवार को उत्तम प्रदेश निर्माण संगठन के पदाधिकारियों ने एक ज्ञापन के जरिए मांग की है कि आबादी को देखते हुए पश्चिमी उत्तर प्रदेश को एक अलग राज्य बनाया जाए जिससे क्षेत्र का विकास हो सके।

ज्ञापन में प्रधानमंत्री से मांग की गई कि आबादी तथा क्षेत्रफल के हिसाब से उत्तर प्रदेश काफी बड़ा राज्य है जो 25 करोड़ से ज्यादा जनसंख्या के साथ दुनिया के 5वें सबसे बड़े देश के समकक्ष है जिसमें 75 जिले, 822 ब्लॉक और 52,000 ग्राम पंचायत हैं। इसके चलते आजादी के 71 साल बाद भी कानून व्यवस्था से लेकर शिक्षा खेल स्वास्थ्य रोजगार और विकास के हर पैमाने पर उत्तर प्रदेश अन्य राज्यों की तुलना में बहुत ज्यादा पिछड़ा हुआ है। प्रदेश की राजधानी लखनऊ पश्चिम उत्तर प्रदेश के कई जिलों से 700 किलोमीटर तक की दूरी पर है। प्रदेश के सभी विभागों के मुख्यालय लखनऊ,कानपुर व इलाहाबाद में हैं जिसके चलते पश्चिमी उत्तर प्रदेश के लोगों को बहुत परेशानियों का सामना करना पड़ता है 

प्रदेश का उच्च न्यायालय इलाहाबाद भी पश्चिमी उत्तर प्रदेश के कई जिलों से 850 किलोमीटर तक की दूरी पर है। यहां के नागरिकों को मुकदमों की पैरवी के लिए हाई कोर्ट पहुंचने में धन एवं समय अधिक खर्च करना पड़ता है। पश्चिमी उत्तर प्रदेश संसाधनों से भरपूर है और उत्तर प्रदेश की आय में 70 से 80 % तक की भागीदारी देता है। पश्चिमी उत्तर प्रदेश में एक भी AIIMS, NIT, IIT, IIIT व IIM नहीं है।

उत्तर प्रदेश में 30 स्टेट यूनिवर्सिटी हैं जिसमें से पश्चिमी उत्तर प्रदेश की आठ करोड़ जनता के लिए मात्र 6 ही हैं। सेंट्रल यूनिवर्सिटी भी 5 में से सिर्फ एक पश्चिमी उत्तर प्रदेश में है। उत्तर प्रदेश के 30 मेडिकल कॉलेजों में से सिर्फ पांच ही पश्चिमी उत्तर प्रदेश में है। हर क्षेत्र में पश्चिमी उत्तर प्रदेश की हालत बहुत खराब हो चुकी है और यह बीमारू राज्यों में शामिल है। पश्चिमी उत्तर प्रदेश को अलग राज्य बनाने के लिए 1953 में चौधरी चरण सिंह समेत 97 विधायकों ने राज्य पुनर्गठन आयोग के समक्ष प्रतिवेदन दिया था 1955 में डॉक्टर भीमराव अंबेडकर भी यूपी के बंटवारे की वकालत कर चुके हैं।

संगठन ने मांग की है कि पश्चिमी उत्तर प्रदेश को एक अलग राज्य बनाया जाए। इस दौरान शहर अध्यक्ष ऐलिक मैंसी, उपाध्यक्ष विशांत चंदेल, संयोचक यतेंद्रत कुमार त्यागी, सदस्य बी. सी. मैंसी, कुलदीप चंदेल आदि मौजूद रहे।