वीआईपी नंबर हासिल करने का लोगों में काफी क्रेज



उत्तर प्रदेश, गाजियाबाद (सतेन्द्र राघव) : दिल्ली एनसीआर में लोगों के बीच अपनी गाड़ियों के लिए वीआईपी नंबर हासिल करने को लेकर भारी क्रेज देखा जा रहा है। लोगों को इसका जुनून इस कदर सवार है कि लोग इसके लिए लाखों खर्च करने के लिए तैयार है। अगर आप भी लेना चाह रहे हैं वीआईपी नंबर लेना तो जानिए क्या है प्रक्रिया।
दिल्ली एनसीआर में अब गाड़ियों के वीआईपी नंबरों का चलन काफी बढ़ गया है। खुद को अलग दिखाने की होड़ में अब लोग लाखों रुपए में गाड़ियों के वीआईपी नंबर खरीद रहे हैं। आजकल वीआईपी नंबर स्टेटस सिंबल बन गए हैं। गाजियाबाद में भी लोगों की वीआईपी नंबर हासिल करने में काफी दिलचस्पी दिखाई दे रही है. वहीं परिवहन विभाग द्वारा भी गाड़ियों के लिए वीआईपी नंबर हासिल करने की प्रक्रिया को भी काफी सरल बना दिया गया है। सिर्फ पांच हजार रुपए का शुल्क चुकाने के बाद आप भी अपनी मर्जी का नंबर हासिल कर सकते हैं। वीआईपी नंबरों की नीलामी से परिवहन विभाग के राजस्व में इजाफा हो रहा हैं। गाजियाबाद में UP14GD सीरीज समाप्त हो चुकी है। इस सीरीज का सबसे महंगा 0007 नंबर करीब 2.69 लाख रुपए का बिका है. जबकि 009 करीब 1.79 लाख और 1.03 लाख रुपए में बिका है। फिलहाल नई सीरीज की शुरुआत हो चुकी है। वीआईपी नंबरों की नीलामी से परिवहन विभाग के राजस्व में इजाफा हो रहा है. यदि आप वीआईपी या फैंसी नंबर हासिल करना चाहते हैं तो ऑनलाइन प्रक्रिया के माध्यम से VIP या अपना मनपसंद नंबर हासिल कर सकते हैं। एआरटीओ (प्रशासन) राहुल श्रीवास्तव के मुताबिक नॉन फैंसी नंबर हासिल करने के लिए चार पहिया वाहन चालकों को पांच हजार रुपए और दो पहिया वाहन चालकों को एक हजार रुपए चुकाने होंगे। वही वीआईपी और फैंसी नंबर हासिल करने के लिए बिडिंग प्रक्रिया में हिस्सा लेना होगा। जब एक ही फैंसी और वीआईपी नंबर के लिए कई लोगों द्वारा आवेदन किया जाता है तो उसे नंबर को आवंटित करने के लिए बिडिंग प्रक्रिया होती है। बिडिंग प्रक्रिया में आवेदक को तीन बोलियां लगानी होती हैं। सबसे ऊंची बोली लगाने वाले आवेदक को नंबर आवंटित कर दिया जाता है।