चमत्कारी पत्थर है कुदरत का करिश्मा
गढ़मुक्तेश्वर, सीमन : कार्तिक पूर्णिमा पर गंगा स्नान पर प्रदेश सरकार द्वारा लगाए गए प्रतिबंध के कारण इस बार श्रद्धालु उस चमत्कारी पत्थर के भी दर्शन करने से वंचित रह जाएंगे जिसके दर्शन की अभिलाषा लिए श्रद्धालु साल भर इंतजार करते है।
जैसे कि यह चमत्कारी पत्थर चित्र में दिखाया गया है,गढ़मुक्तेश्वर के प्राचीन श्री गंगा मंदिर में स्थापित है और इसे भगवान शिव का स्वरुप माना गया है।
इस पत्थर की खासियत यह है कि अदरक की तरह इस पर गांठें फूटती रहती है और प्रत्येक गांठ पर मानव आकृति उभर कर आती है,जैसा की आप चित्र में देखते है। यह चमत्कारी पत्थर तिल-तिल स्वयं ही घिसता रहता है। इस चमत्कारी पत्थर भगवान का स्वरुप के दर्शन करें।
इस गंगा मंदिर की सीढिय़ां भी चमत्कारी हैं जिन पर चलने से अथवा पत्थर फैंकने से पानी में पत्थर डालने पर निकलने वाली आवाज सुनाई देती है।
कुदरत के इस करिश्मे को देखकर वैज्ञानिक भी हैरत में है।
चमत्कारी पत्थर है कुदरत का करिश्मा