हापुड़: देश में पीएम नरेंद्र मोदी और प्रदेश में सीएम योगी कोरोना की इस जंग मे अपनी ओर से हरसंभव प्रयास कर रहे हैं। लोगों से घरों में रहने की अपील कर रहे हैं लेकिन शायद कुछ अधिकारी इस पर पलीता लगाते नज़र आ रहे हैं। दर-दर की ठोकरें खाता एक मज़दूर रात के अंधेरे में उम्मीद की रोशनी ढूंढता हुआ हमें हापुड़ में मिला जिसने अपनी आपबीती सुनाई जो एक लापरवाही को उजागर करती है।
ये शख्स हापुड़ के रामलीला मैदान के पास मिला जो हापुड़ रेलवे स्टेशन की ओर जा रहा था। रेलवे का संचालन बंद है इस बात से अंजान ये मज़दूर ट्रेन से गोरखपुर जाने की आस लगाए था। इसने बताया वो 35 किलेमीटर की दूरी पैदल तय कर गाज़ियाबाद से हापुड़ आया है जहां से वो आगे की मंज़िल का सफर तय करेगा।
खाली पेट के साथ सफर तय कर हापुड़ पहुंचे इस शख्स ने जो बताया वो बेहद ही दर्दनाक बात थी। मज़दूर ने बताया कि गाज़ियाबाद में मज़दूरों के लिए, बघरों के लिए रुकने की, खाने की व्यवस्था तो है लेकिन दो दिन से ज्यादा गाजियाबाद में रुकने नहीं दे रहे जिसके चलते इसे वहां से अधिकारियों ने भगा दिया। फिलहाल ये शख्स हापुड़ रेलवे स्टेशन पर है और सरकारी मदद का इंतजार कर रहा है।
लेकिन सवाल ये खड़ा होता है कि आखिर क्यों गाजियाबाद में अधिकारियों ने ऐसा किया?
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