फसल अवशेषों को जलाने से रोकने हेतु जागरूकता गोष्ठी
हापुड़, सीमन (ehapurnews.com):प्रमोशन आफ एग्रीकल्चर मैकेनाइजेशन फॉर इन सीटू मैनेजमेंट ऑफ कॉप रेडियो रेजिडयू योजना अंतर्गत फसल अवशेष जलाने से होने वाले दुष्परिणामों से अवगत कराने एवं फसल अवशेषों से खाद तैयार करने हेतु जनपद स्तरीय कृषक गोष्ठी/कृषक जागरूकता कार्यक्रम का आयोजन कोविड-19 के निर्देशों का पालन करते हुए मंगलवार को नवीन मंडी स्थल हापुड़ में किया गया। मेले में कृषि, उद्यान, गन्ना, पशुपालन तथा अन्य कृषि से संबंधित विभागों द्वारा स्टाल लगाकर अपनी -अपनी योजनाओं का प्रदर्शन किया गया। गोष्ठी में जनपद के प्रगतिशील कृषकों द्वारा प्रतिभाग किया गया। गोष्ठी का संचालन करते हुए उप कृषि निदेशक डॉ वी0बी0 द्विवेदी द्वारा कृषि विभाग में संचालित फार्म मशीनरी बैंक एवं यंत्रीकरण योजना से फसल अवशेषों को खेतों में काट कर, सड़ने गलाने से संबंधी यंत्रों पर अनुदान की जानकारी कृषकों को दी। कृषि विज्ञान केंद्र के वैज्ञानिक डॉ अशोक कुमार एवं डॉक्टर लक्ष्मीकांत सारस्वत द्वारा कृषकों को फसल अवशेष प्रबंधन से संबंधित सभी वैज्ञानिक तरीके अपनाने हेतु जानकारी दी गई। मुख्य पशु चिकित्सा अधिकारी डॉ प्रमोद कुमार द्वारा धान पराली को निराश्रित गौशाला में उपलब्ध कराने हेतु अनुरोध किया गया। जिला उद्यान अधिकारी व जिला गन्ना अधिकारी द्वारा भी कृषकों से पराली न जलाने एवं फसल अवशेष प्रबंधन से संबंधित सभी आवश्यक विधियों से अवगत कराया गया। पुलिस विभाग से उपस्थित पुलिस क्षेत्राधिकारी हापुड द्वारा फसल अवशेष जलाने पर कृषकों को ₹2500 से ₹15 हजार तक के अर्थदंड एवं फसल अवशेष जलाने की घटना की पुनरावृत्ति होने पर अर्थदंड एवं कारावास दोनों से दंडित किए जाने के संबंध में सचेत किया गया। कार्यक्रम के अंत में उप कृषि निदेशक हापुड द्वारा कृषक गोष्ठी में उपस्थित सभी कृषकों को फसल अवशेषों को सड़ाने गलाने हेतु वेस्ट डीकंपोजर के प्रयोग करने की विधि एवं सभी कृषकों को नि:शुल्क वेस्ट डीकंपोजर का वितरण करते हुए गोष्ठी में उपस्थित कृषकों, अधिकारियों एवं वैज्ञानिकगणों को धन्यवाद दिया।
फसल अवशेषों को जलाने से रोकने हेतु जागरूकता गोष्ठी