वैशाखियों को छोड़,स्वयं आगे बढ़ो तुम
हापुड़, सीमन(ehapurnews.com ):देवप्रभा प्रकाशन के तत्वावधान में राष्ट्रपिता महात्मा गांधी एवम् पूर्व प्रधानमंत्री लालबहादुर शास्त्री के जन्म दिवस पर एक कवि सम्मेलन का आयोजन किया गया ।कवियों ने अपनी रचनाओं से श्रोताओं को मंत्रमुग्ध कर दिया।
मंच का संचालन सुप्रसिद्ध कवि चेतन आनंद ने किया।
अध्यक्षता देवेन्द्र देव ने की
मुख्य अतिथि डा अनिल बाजपेई ,एवम् विशिष्ट अतिथि अंजू जैन रही।
डा चेतन आंनद ने पढ़ा
उजाले की हुई पत्थर सरीखी पीर को तोड़ें।
उठो उठकर अँधेरे की कड़ी प्राचीर को तोड़ें।
नहीं तो आँख के दरिया ये सारे सूख जायेगे,
हृदय के पर्वतों से दर्द की तासीर को तोड़ें।
डा.अनिल बाजपेई ने कहा कि गांधीजी ने हमें सत्य अहिंसा एवम् प्रेम का संदेश दिया। श्री बाजपेई ने पढ़ा - प्यार कुदरत की इक इबादत है,जिसकी खातिर बहुतों ने दी शहादत है ,प्यार तो है पूजा का वो दिया,जिसको जलकर उजाला करने कि आदत है । डा आराधना बाजपेई ने पढ़ा , बढ़ना है अगर आगे तो राह गढ़ो तुम, वैशाखियों को छोड़ स्वयं आगे बढ़ो तुम,अर्जुन का सारथी तो सदा कृष्ण रहा है,पर बनके पार्थ कौरवों से स्वयं लड़ो तुम।
देवेन्द्र देव ने पढ़ा -
सोए भाव जगा जाती है बापू जी,
याद तुम्हारी जब आती है बापू जी
कटि पर लटकी घड़ी तुम्हारी बान बनी
खादी रंग दिखा जाती है बापू जी।।
गरिमा आर्य ने पढ़ा -
गांधी गांधी सब करते हैं
कोई गांधी हैं ना पाया
आजाद सांस अब लेने वाला
कोई मोल समझ ना पाया
त्याग और बलिदान ना देखा
बस आरोप लगाया
इस देश की खातिर मिटने वाले।
अंजू जैन ने पढ़ा -
बनाकर झूठ को ही सच अपने मित्रों में रखते हैं।
जिन्हें पूजा नहीं जीवित उन्हें पित्रों में रखते हैं।
कोई भी अनुसरण करता नहीं है अब चरित्रों का,
चरित्रों को सजाकर मूर्तियों-चित्रों में रखते हैं।
वैशाखियों को छोड़,स्वयं आगे बढ़ो तुम