कैसे बच जाते है दूध वाले
हापुड़, सीमन (ehapurnews.com): दिवाली पर खाद्य पदार्थो पर मिलवाट रोकने के उद्देश्य खाद्य सुरक्षा विभाग की टीम रोजाना छापामारी करके सैंपल लेकर जांच के लिए भेज रही है,परंतु दूध के कारोबारी कैसे बच जाते है, यह समझ से परे है,जबकि मिलावट की ही असली जड़ है। यदि गत दो वर्ष के आकड़ों पर नजर डालें तो दूध की गिनी-चुनी ही सैम्पलिंग हुई है,जबकि 55 प्रतिशत लोग दूध नहीं जहर पी रहे है और लोगों की किडनी,लीवर आदि खराब हो रहे है।
जनपद हापुड़ की शहरी व ग्रामीण इलाकों में 75 प्रतिशत सिंथेटिक बिक रहा है,जो रसायन,यूरिया,पानी,दूध पावडर आदि मिक्स करके तैयार किया जा रहा है और ग्राहकों को बेचा जा रहा है। यह मिलावटी व सिंथेटिक दूध लोगों की सेहत को खराब कर रहा है। लोगों को यह बड़ा आश्चर्य है कि हरी सब्जियों,दालों, मिठाइयों की सैंपलिंग तो खूब होती है परंतु नकली दूध के धंधेबाज कैसे बच जाते है।
कैसे बच जाते है दूध वाले