काली नदी का प्रदूषण 2022तक होगा समाप्त

 काली नदी का प्रदूषण 2022तक होगा समाप्त

हापुड़, सीमन: मेरठ-हापुड़ लोकसभा क्षेत्र के सांसद  राजेंद्र अग्रवाल ने गुरुवार को लोकसभा में प्रश्न काल के दौरान पूरक प्रश्न पूछते हुए जल शक्ति मंत्री से गंगा नदी की सहायक काली नदी के प्रदूषण मुक्त होने में लगने वाले समय के सम्बन्ध में जानकारी देने की मांग की। सांसद ने कहा कि मेरठ से काली नदी होकर गुजरती है जो सहारनपुर से चलती है और कन्नौज में गंगा में मिल जाती है ।गंगा की सहायक नदी है और यह देश की सर्वाधिक प्रदूषित नदियों में से है और उसके निकट ही मेरठ जिले के 50 गांव ऐसे हैं जो ऐसे विषाक्त हो गए हैं, पानी की दृष्टि से जिससे हेपेटाइटिस बी और कैंसर जैसे रोग हो रहे हैं। इसके पानी को शुद्ध करने के लिए मार्च 2018 में 682 करोड रुपए की योजना नमामि गंगे योजना में मंजूर हुई थी, परंतु इसका कार्य इतने धीरे से चल रहा है की नदी अभी भी प्रदूषित है। उन्होंने सभापति जी से कहा कि मैं आपके माध्यम से माननीय मंत्री जी से जानकारी लेना चाहता हूं कि गंगा की सहायक नदी होने की वजह से इस नदी को प्रदूषण मुक्त करने के लिए इसमें कब तक का समय लगेगा यह मैं जानना चाहता हूं। जल शक्ति राज्य मंत्री रतन लाल कटारिया ने उपरोक्त सवाल के जवाब में उत्तर दिया कि इसको लेकर विश्व बैंक की सहायता से एक परियोजना मंजूर की गयी है जिसे वर्ष 2022 तक पूरा कर दिया जायेगा।