भवनों की खरीद-बेच दस्तावेजों में छिपे हैं ब्लैक मनी के सबूत

 
भवनों की खरीद-बेच दस्तावेजों में छिपे हैं ब्लैक मनी के सबूत
हापुड़, सीमन; गत वर्ष मार्च-2020 से शुुरु हुए कोरोना काल में हापुड़ के रेलवे रोड और रेलवे रोड से जुड़ी कालोनियों में भवनों की खरीद-बेच व उनमें  नवनिर्वाचित भवनों के दस्तावेजों में ब्लैक मनी के निवेश के अहम सबूत छिपे हैं जिन्हें खोज कर केंद्र व प्रदेश सरकार को भारी राजस्व प्राप्त हो सकता है।
    अतरपुरा चौपला से लेकर लाल बहादुर शास्त्री की प्रतिमा तक रेलवे रोड के मुख्य मार्ग पर करीब दो दर्जन ऐसी बिल्डिंग हैं जिनकी गत एक वर्ष मेें खरीद-बेच हुई है और हर बिल्डिंग की खरीद-बेच में भारी पैमाने पर ब्लैक मनी का निवेश हुआ है। करोड़ों रुपए में हुई खरीद-बेच को लाखों में दर्शाया गया है।
    यही हाल नई शिवपुरी, पंजाबी कालोनी, रेवती कुंज, पटेल नगर, श्री नगर,रामगंज, राधापुरी, विवेक विहार, फ्री गंज रोड, तारा मिल कालोनी और जवाहर गंज के निकट बिके भवनों का है। अनुमान है कि उक्त स्थानों पर भारी-खरीद बेच में कई अरब रुपए की ब्लैक मनी की खपत हुई है।
   हापुड़ के उक्त पाश इलाकों में आधुनिक साज-सज्जा के साथ बंगलों व बिजनैस काम्पलैक्स निर्माण भी जोरों पर जारी है और कई निर्माण पूरे हो चुके है। नई शिवपुरी, पंजाबी कालोनी, श्रीनगर कालोनी आदि इसमें शामिल है। भवनों की खरीद-बेच व निर्माण में भारी मात्रा में ब्लैक मनी का निवेश हुआ है, जो दस्तावेजों में छिपा है।
    अवैध निर्माण रोकने के लिए हापुड़-पिलखुवा विकास प्राधिकरण की टीम दुकान में थोड़ी-बहुत तोड़-फोड़ करने वाले को भी नहीं बख्शती। उसकी फोटो ग्राफी करके नोटिस भेजती है और रिश्वत वसूलने के प्रताडि़त करती है। एचपीडीए के इंजीनियरों ने लाखों रुपए की रिश्वत खा कर नई शिवपुरी व पंजाबी कालोनी में आलीशान भवनों व दुकानों का निर्माण करा दिया है।
   केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड व प्रवर्तन निदेशालय तथा उत्तर प्रदेश राजस्व विभाग को इस ओर ध्यान देकर दस्तावेजों में छिपे ब्लैक मनी के निवेशकों के विरुद्ध कठोर कार्रवाई करनी चाहिए।