गो मूत्र से दस जनपदों में प्राकृतिक खेती शुरु होगी

 

गो मूत्र से दस जनपदों में प्राकृतिक खेती शुरु होगी

हापुड़, सीमन  : पश्चिमी उत्तर प्रदेश के दस जिलों में अब गोमूत्र से प्राकृतिक खेती होगी। प्रत्येक जनपद के कृषि विज्ञान केंद्र को एक-एक देसी गाय शासन ने उपलब्ध कराई है। पश्चिमी उत्तर प्रदेश के चयनित दस जिलों में हापुड़ जनपद भी शामिल है।

ये हैं चयनित जनपद- हापुड़, बुलंदशहर, गाजियाबाद, सहारनपुर, शामली, रामपुर, गौतमबुद्ध नगर, बागपत, बदायूं व शाहजहापुर है।

खेती के लिए कैसे तैयार होगा- 10 लीटर गोमूत्र, 10 किलो गाय का गोबर, एक किलो उर्वरा मिट्टी, आधा किलो दलहन बेसन, आधा किलों गुड़ को एक साथ मिश्रण तैयार करके एक सप्ताह तक रखा जाएगा। यह घोल रोपाई में प्रयोग होगा। एक सप्ताह के बाद इस प्रकार तैयार जीवामृत घोल को कपड़े में छानकर स्प्रे मशीन से फसल पर छिड़काव किया जाएगा। एक एकड़ फसल के लिए दो सौ लीटर घोल की जरुरत होगी।

हापुड़ कृषि विज्ञान केंद्र के विज्ञानी डा. अशोक सिंह का कहना है कि गो आधारित प्राकृतिक खेती से जमीन की उर्वरा शक्ति बढ़ेगी और खर्च कम होगा। जुलाई माह से खरीफ की फसल के दौरान इस प्रयोग को मूर्त रुप दिया जाएगा। गो आधारित खेती से फसलों की उत्पादकता बढ़ेगी।