घटना का ताना-बाना:
मामला 5 सितंबर का है जब वादी झगडू सिंह ने थाना बिसरख में अपने पुत्र प्रवीण के अपहरण की रिपोर्ट दर्ज कराई। तो पुलिस की चौकसी और तेज-तर्रार कार्यशैली ने अपराधियों की योजनाओं को तहस-नहस कर दिया। प्रवीण, जो कि सोशल मीडिया पर तिरंगा गेमिंग ऐप का प्रचार-प्रसार करता था। उसको हाईवे पर फॉर्च्यूनर से उतारकर अगवा किया गया।
साहसिक अनावरण:
पुलिस ने अपनी तेजी और तकनीकी कुशलता से अपराधियों का पीछा किया और मथुरा के फरहा क्षेत्र में घने जंगलों के भीतर छिपे मनीष पुत्र राजेंद्र निवासी गौर सिटी, बिसरख को धर दबोचा। पूछताछ में मनीष ने बताया कि उसने अपने साथियों राहुल, सुरेन्द्र, हितेश, और मनोज के साथ मिलकर प्रवीण का अपहरण केवल इसलिए किया था क्योंकि गेमिंग ऐप में डूबे पैसे की वापसी करनी थी।
कुंडली में पहले से दर्ज काले अध्याय:
गिरफ्तार अभियुक्त मनीष पहले से ही छह मुकदमों का सामना कर रहा है, जबकि सुरेन्द्र उर्फ सौरभ भी मथुरा में चार आपराधिक मामलों में संलिप्त पाया गया है। स्वाट टीम (डीसीपी नगर) और थाना विजयनगर पुलिस की बहादुरी और चतुराई ने इस जटिल और गंभीर मामले को सुलझाकर न केवल न्याय की प्रतिष्ठा बढ़ाई है बल्कि समाज में सुरक्षा की भावना को भी बल दिया है।