उत्तर प्रदेश, गाजियाबाद (डेस्क) : गाजियाबाद नगर निगम का 110 सरकारी दफ्तरों पर करीब 314 करोड रुपए संपत्ति कर और सेवा शुल्क बकाया है। सरकारी बकायेदारों में 41 दफ्तर केंद्र सरकार के अधीन है जबकि 69 दफ्तर राज्य सरकार के अधीन आते है। नगर निगम के मुख्य कर निर्धारण अधिकारी डॉ. संजीव सिंह ने बताया कि विभागों को लगातार पत्र लिखे जा रहे हैं। मौजूदा वित्तीय वर्ष में कई विभागों ने बकाया जमात भी कराया है। आपको बता दें कि केंद्रीय विभागों के अधीन दफ्तरों पर 155 करोड रुपए से ज्यादा बकाया है, जबकि राज्य के विभागों के अधीन आने वाले दफ्तरों पर करीब 158 करोड रुपए बकाया आया है। बड़े बकायेदारों में दिल्ली मेट्रो सबसे ऊपर है, जिस पर 77 करोड रुपए से अधिक का बकाया है। इसके अलावा एओसी हिंडन पर 24 करोड़ से ज्यादा, मानव संसाधन विकास केंद्र पर 15 करोड़ से ज्यादा, रेलवे विभाग संपत्ति पर आठ करोड़ से ज्यादा बकाया है। राज्य विभागों के अधीन आने वाले दफ्तर में सबसे बड़ा बकायदार विद्युत विभाग है, जिस पर करीब 126 करोड रुपए से ज्यादा बकाया है। सरकारी दफ्तरों की वसूली न होने से निगम की आर्थिक स्थिति बिगड़ गई है। निगम प्रशासन सरकारी भवनों से गृहकर वसूल ली तो उसकी आर्थिक हालत सुधर सकती है।
निगम का सरकारी दफ्तरों पर 314 करोड रुपए से अधिक का बकाया